लिथियम माइनिंग: कैबिनेट की मंजूरी से इलेक्ट्रिक व्हीकल को मिलेगा बूस्ट
भारत में बढ़ती हुई इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड को देखते हुए केंद्र सरकार इस बारे में निरंतर सकारात्मक कदम उठाने की ओर अग्रसर रहती है| इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत अक्सर पेट्रोल और डीजल वाहनों से अधिक रखी जाती है, इसका एक प्रमुख कारण इलेक्ट्रिक वाहनों में उपयोग होने वाले लिथियम की माइनिंग सेक्टर का सीमित होना है| जिसके कारण इसकी कमी हमेशा से इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों के लिए एक बड़ी समस्या बनी रहती है|
भारत सरकार ने हाल ही में अपनी कैबिनेट मीटिंग में लिथियम माइनिंग एक्ट (MMDR Act.) को मंजूरी देते हुए प्राइवेट कंपनियों के जरिए लिथियम माइनिंग कराने का रास्ता दिया है| भारत सरकार के इस फैसले से आने वाले समय में इलेक्ट्रिकल इंडस्ट्री में काफी सकारात्मक बढ़त देखने को मिल सकती है|
आज अपने इस आर्टिकल में हम आपको भारत सरकार द्वारा उठाए गए इस महत्वपूर्ण कदम जिसमें "लिथियम माइनिंग: EV इंडस्ट्री के लिए वरदान साबित होगा केंद्र सरकार का यह फैसला" के बारे में विस्तार से चर्चा करें|
लिथियम माइनिंग को कैबिनेट की मंजूरी:-
भारत की मोदी सरकार की कैबिनेट ने लिथियम की कमर्शियल माइनिंग के लिए मंजूरी देने का बड़ा फैसला ले लिया है, इससे बड़ी-बड़ी निजी कंपनियां भी लिथियम और अन्य मिनरल्स माइनिंग में हिस्सा ले पाएंगी| विशेष सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत सरकार ने 12 जुलाई 2023 को "माइन्स एंड मिनिरल्स डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन एक्ट" (MMRD Act) 1957 मे संशोधन के लिए संसद के मानसून सत्र में इस विशेष एक्ट को मंजूरी दे दी है|
मोदी सरकार के इस फैसले से भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल को एक बड़ा बूस्ट मिलने की काफी संभावनाएं हैं, यह माइनिंग और मिनरल्स एक्ट में पांचवा संशोधन है| कैबिनेट के इस फैसले से टाटा,अदानी,रिलायंस जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियां अब लिथियम माइनिंग में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले सकती हैं|
लिथियम माइनिंग की होगी ई-नीलामी:-
लिथियम माइनिंग पर इलेक्ट्रिक व्हीकल प्रोडक्शन को बढ़ावा मिलने की अपार संभावना भविष्य में देखने को मिलेंगी, यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि साल 2014 के बाद से माइनिंग और मिनिरल एक्ट में अब पांचवा बड़ा संशोधन है|
इससे पहले के जितने भी संशोधन हुए हैं उनमें मिनिरल रिसोर्स के लिए ई नीलामी को अनिवार्य किया गया था और समाप्त हो गए माइनिंग लीज के विस्तार को अनुमति प्रदान की गई थी, परंतु इनमें प्राइवेट सेक्टर को टेंडर डालने की अनुमति नहीं थी जिसे इस बार के संशोधन में सुधार गया है|
इस संशोधन में लिथियम के साथ-साथ और मिनरल्स की माइनिंग को अब प्राइवेट कंपनियों के लिए सार्वजनिक कर दिया गया है| इस संशोधन के बाद अब प्राइवेट कंपनियां टाइटेनियम, बेरिलियम, जीरकोनियम जैसे कई मिनरल्स की माइनिंग सौंपी जा सकेगी|
इस एक्ट में यह भी संशोधन किया गया है कि अब प्राइवेट कंपनियां उन क्षेत्रों में भी खनन करने की अनुमति पा सकती हैं, जहां पर वह खनन करना चाहती हैं| इसके लिए इन कंपनियों को भारत सरकार के द्वारा एक निश्चित समय के लिए खनन लाइसेंस उपलब्ध कराया जाएगा|
EV इंडस्ट्री को मिलेगा बढ़ावा:-
जैसा कि हम सभी जानते हैं, कि इलेक्ट्रिक वाहन की कीमत में लिथियम आयन बैटरी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है| वर्तमान में मौजूद जितने भी इलेक्ट्रिक व्हीकल हैं, उनकी कीमत पेट्रोल-डीजल के वाहनों से काफी अधिक रखी जाती है जिसका एक कारण लिथियम का सीमित भंडारण है|
सभी इलेक्ट्रिक व्हीकल बैटरी से चलते हैं, जिसमें लिथियम आयन बैटरी का यूज किया जाता है| लिथियम का प्रोडक्शन जितना ज्यादा होगा इलेक्ट्रिक व्हीकल की संख्या भी उतनी ही तेजी से बढ़ेगी|
इसीलिए ऐसी संभावना जताई जा रही है, कि इस एक्ट में संशोधन के द्वारा प्राइवेट कंपनियों के लिथियम माइनिंग में प्रवेश करने पर इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रोडक्शन तथा कीमत में काफी बदलाव देखने को मिल सकता है|
इस प्रकार अगर आसान शब्दों में कहा जाए तो जब इलेक्ट्रिक वाहन का प्रोडक्शन बढ़ेगा तो उनकी कीमतों में गिरावट देखने को मिलेगी, जिससे इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना आम लोगों के लिए और आसान हो जाएगा| लिथियम की पर्याप्त उपलब्धता के चलते आने वाले भविष्य में इसकी रेंज में भी सुधार देखने को मिल सकता है|
लिथियम क्यों है इतनी महत्वपूर्ण:-
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाने के लिए उसमें पेट्रोल-डीजल के स्थान पर बैटरी का उपयोग किया जाता है और इस बैटरी में लिथियम का महत्वपूर्ण योगदान होता है|
वर्तमान में कैबिनेट द्वारा मंजूर किए गए इससे पहले भारत अपने लिथियम की जरूरतों को पूरा करने के लिए लगभग 70 फ़ीसदी लिथियम इंपोर्ट करता था, जिसके लिए भारत को चीन और हांगकांग जैसे देशों पर निर्भर रहना पड़ता था|
वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया दुनिया का शीर्ष लिथियम उत्पादक देश है, इसके बाद अर्जेंटीना, चिल्ली इस श्रेणी में अग्रणी देश है| क्योंकि अभी तक भारत लिथियम का 70 प्रतिशत हिस्सा इंपोर्ट करता था, इस कारण से लिथियम की कीमतें अधिक होते थी, जिसका असर इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत पर भी पढ़ता था|
भारत में लिथियम के प्रमुख खनन क्षेत्र:-
भारत में लिथियम आयन के अपार भंडार है, जिनके द्वारा भारत विश्व में अपनी अलग पहचान बना सकता है| भारत सरकार के इस फैसले से जब प्राइवेट कंपनियां लिथियम माइनिंग में हिस्सा लेंगी तो इसके इंपोर्ट को भी काफी हद तक कम किया जा सकता है|
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण(GSI) द्वारा जम्मू और कश्मीर के जिले सलाल अमीना क्षेत्रों में G-3 कैटेगरी में बॉक्साइट और लिथियम युक्त खनिज के भंडार की खोज की गई थी, यहां लिथियम की अनुमानित संसाधन 5.9 मिलियन टन है|
भूवैज्ञानिक रिपोर्ट में वैरायटी, ऐलोनाइट, मोनाजाइट, गैरोंलाइट इत्यादि की मौजूदगी की पुष्टि की गई है| GSI ने बिहार में तीन, गुजरात और महाराष्ट्र में दो दो, झारखंड और उत्तर प्रदेश में 11 सहित अन्य ब्लॉकों के लिए भी एक्सप्लोर किया गया है|
भारत में लिथियम खनन:-
भारत के इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर में क्रांतिकारी बदलाव भारत सरकार की कैबिनेट के इस फैसले के बाद देखने को मिल सकते हैं, इसकी सबसे बड़ी वजह बताई जा रही है कि भारत में राजस्थान में लिथियम के भंडार की एक बड़ी मात्रा उपलब्ध है|
प्राप्त जानकारी के मुताबिक अकेले राजस्थान के लिथियम भंडार से देश की 80% मांग को पूरा किया जा सकता है, वर्तमान में भारत लिथियम के लिए पूरी तरह से चीन जैसे देशों पर निर्भर है, जोकि उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक सामानों के साथ-साथ इलेक्ट्रिक बैटरी के निर्माण में अग्रणी देश है|
भारत सरकार के इस फैसले से चीन जैसे देशों पर भारत की निर्भरता को खत्म किया जा सकता है, और इलेक्ट्रिक वाहनों को आम लोगों की पहुंच तक आसान बनाकर इनकी कीमतों में भी भारी बदलाव किया जा सकता है| जिससे कि भारत इलेक्ट्रिक वाहन की उपयोगिता में एक अग्रणी देश बन सकता है|
निष्कर्ष:-
भारत सरकार 2030 तक इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है, भारत सरकार की इस स्कीम में लिथियम पर बहुत ज्यादा निर्भरता रहने वाली है क्योंकि सारे इलेक्ट्रिक व्हीकल बैट्री से ही संचालित होते हैं जिसमें लिथियम का महत्वपूर्ण योगदान रहता है|
इलेक्ट्रिक वाहनों में उपयोग की जाने वाली रिचार्जेबल बैटरी लिथियम से ही बनाई जाती है, भारत देश में लिथियम के भंडारों से जब माइनिंग शुरू हो जाएगी तो प्रचुर मात्रा में सस्ता लिथियम भारत में उपलब्ध हो जाएगा|
भारत सरकार की कैबिनेट के इस प्रस्ताव को मंजूरी देने से बड़ी-बड़ी प्राइवेट कंपनियां क्षेत्र में माइनिंग करने के लिए टेंडर करेंगे और लिथियम की पर्याप्त उपलब्धता हो सकेगी जिससे आने वाले समय में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों में गिरावट तथा रेंज में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती हैं|