रतन टाटा एक ऐसी शख्सियत का नाम है, जो किसी भी पहचान का मोहताज नहीं है| इन्होंने टाटा समूह को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में बेहद अहम भूमिका निभाई है|
इन्हें कई लोग अपनी प्रेरणा मानते हैं, इनकी पर्सनल लाइफ के बारे में वैसे तो कम ही बात की जाती है लेकिन एक सवाल जो इनके चाहने वालों के लिए हमेशा एक रहस्य बना रहता है| वह है, उनका एकाकीपन|
रतन टाटा विश्व के धनी व्यक्तियों में से एक है, इतना सब कुछ होने पर भी आखिर क्या वजह है? कि कभी रतन टाटा ने शादी नहीं की और अपना सारा जीवन अकेले ही बता दिया है|
वैसे तो रतन टाटा इस सवाल पर कभी खुलकर बात करते हुए नजर नहीं आए हैं, परंतु अपनी उम्र के इस पड़ाव पर आकर उन्होंने कुछ इंटरव्यू में इस बात का जिक्र जरूर किया है|
आज हम अपने इस आर्टिकल में आपको एकत्रित की हुई जानकारियों के आधार पर बताएंगे कि "आखिर रतन टाटा ने आज तक क्यों नहीं की शादी? क्या प्यार है, असली वजह"|
# रतन टाटा का प्रारंभिक जीवन:-
रतन टाटा दुनिया के सबसे सम्मानित और कामयाब बिजनेस लीडरों में से एक हैं| वह भारत के सबसे बड़े समूहों में से एक टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष हैं, और उन्हें सामाजिक जिम्मेदारी और नैतिकता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए भी जाना जाता है|
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को सूरत में टाटा परिवार में हुआ था, जिन्होंने आगे चलकर 1868 में टाटा समूह की स्थापना की उन्होंने कार्नेल विश्वविद्यालय में वास्तुकला का अध्ययन किया और फिर 1991 में अध्यक्ष नामित होने से पहले अपने समूह के लिए विभिन्न भूमिकाओं में कार्य किया|
हालांकि रतन टाटा एक समृद्ध परिवार में पैदा हुए थे, लेकिन उनकी जिंदगी इतनी आसान नहीं थी| क्योंकि जब रतन टाटा 7 वर्ष के थे, तो उनके माता-पिता दोनों अलग हो गए रतन टाटा का पालन-पोषण उनके दादा और दादी ने किया था|
# रतन टाटा और टाटा समूह:-
टाटा के चेयरमैन के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान रतन टाटा ने टाटा समूह को सफलता की ऊंचाइयों तक ले जाने में अहम भूमिका निभाई|
खासकर उन्होंने TCS और TATA MOTORS को विस्तारित करने के क्षेत्र में कार्य किया, और इन दोनों कंपनियों को भारत की सबसे विशिष्ट कंपनियों में से एक बनाया|
रतन टाटा को कारों का बहुत शौक है, उन्होंने ऑटोमोबाइल जैसे नए क्षेत्रों में जैगवार, लैंड रोवर और कोरस स्टील जैसे कई हाई प्रोफाइल कंपनियों का अधिग्रहण करके उनको टाटा समूह में शामिल किया|
इसके अलावा रतन टाटा को क्रिकेट, विमान उड़ाने और पियानो बजाने का भी बेहद शौक रहा है| अपने रिटायरमेंट के बाद रतन टाटा ने कहा था, कि अब मैं बाकी जीवन अपने शौक पूरे करना चाहता हूं| अब मैं प्यानो बजाऊंगा और विमान उड़ाने के अपने शौक को पूरा करूंगा|
इतनी समृद्धि अर्जित करने पर भी रतन टाटा बेहद सामान्य जीवन व्यतीत करते हैं, और उनकी यही खूबी उन्हें एक नई पहचान देती है|
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# रतन टाटा और परोपकार:-
रतन टाटा को सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति प्रतिबद्धता के लिए भी जाना जाता है| उन्होंने समाज के पिछड़े समूहों को आगे बढ़ाने के लिए टाटा ट्रस्ट की स्थापना की जो एक परोपकारी संगठन है, जो भारत में लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाने का कार्य करता है|
इसके अलावा रतन टाटा ने रतन टाटा फाउंडेशन की भी स्थापना की है जोकि विशेषकर शिक्षा, स्वास्थ्य, देखभाल और ग्रामीण विकास को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है|
2012 में रतन टाटा ने टाटा समूह के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, हालांकि वह टाटा ट्रस्ट और रतन टाटा फाउंडेशन के अध्यक्ष वर्तमान में भी बने हुए हैं| रतन टाटा हमेशा से व्यवसाय और सामाजिक मुद्दों पर एक साथ बेहतरीन प्रयास करने का कार्य करते रहे हैं|
उनके पिता नवल टाटा एक सामाजिक परोपकारी व्यक्तित्व के धनी और व्यवसाई भी थे उन्होंने अपने बेटे को समाज को वापस करने का महत्व का पाठ सिखाया था|
# रतन टाटा और वैवाहिक जीवन:-
दुनिया के सबसे सफल बिजनेसमैन और एक बेहतरीन व्यक्तित्व के धनी रतन टाटा ने आखिर शादी क्यों नहीं की? क्योंकि अगर रतन टाटा चाहते तो उन्हें आसानी से एक बेहतरीन जीवन साथी मिल सकता था| फिर ऐसी क्या वजह रही कि रतन टाटा ने अपना सारा जीवन अकेले ही बिताने का निश्चय किया|
इस पर रतन टाटा ने एक इंटरव्यू में बताया था, कि प्यार के मामले में व सबसे ज्यादा सीरियस तब थे जब वह अमेरिका में रह रहे थे| बात इतनी ज्यादा आगे बढ़ गई थी, कि वे दोनों एक दूसरे से जल्द ही शादी तक करना भी चाहते थे|
रतन टाटा बताते हैं, कि जब उन्होंने भारत आने का फैसला किया तो उनकी साथी को उनका यह फैसला पसंद नहीं आया क्योंकि वह अमेरिका में ही रहना चाहती थी| लेकिन रतन टाटा अपने देश वापस आना चाहते थे इसीलिए उनका यह रिश्ता वही खत्म हो गया|
रतन टाटा बताते हैं, कि उन्हें सिर्फ एक ही बार प्यार नहीं हुआ बल्कि वह अपनी लाइफ में चार बार रिलेशनशिप में आए और बात शादी तक पहुंची लेकिन किसी ना किसी वजह से बात नहीं बनी|
इसके बाद उन्होंने अपने काम पर फोकस करना शुरू कर दिया, रतन टाटा कहते हैं कि शायद यह अच्छा ही हुआ कि उनकी शादी नहीं हुई क्योंकि अगर उनकी शादी हो जाती तो शायद वर्तमान की परिस्थितियां कुछ अलग सी होती|
# निष्कर्ष:-
रतन टाटा कई लोगों के लिए प्रेरणा के स्त्रोत रहे हैं| वह एक सफल व्यवसाई हैं, जिन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया है| वह एक परोपकारी व्यक्ति भी हैं जिन्होंने अपना जीवन दूसरों की मदद करने के लिए समर्पित कर दिया|
रतन टाटा की यह बातें हमें याद दिलाती हैं, कि सफल और दयालु दोनों एक साथ होना भी संभव है| वह ऐसे किसी भी व्यक्ति के लिए आदर्श है, जो ईमानदार रहते हुए दुनिया में बदलाव लाना चाहता है|
रतन टाटा अकेले एक ऐसे व्यक्ति नहीं है, जिन्होंने आजीवन शादी नहीं की| वर्तमान में हमारे सामने ऐसे कई उदाहरण हैं जिन्होंने अपना सारा जीवन अकेले बिताया है, परंतु वह एक बेहतरीन व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति रहे हैं, उन्हीं में से रतन टाटा एक हैं|
वाकई रतन टाटा कई लोगों के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं, और उनकी विरासत आने वाले कई वर्षों तक दूसरों को प्रेरित करती रहेगी|