भारत, दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में से एक है और वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता के रूप में स्थाई और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन के विकल्पों के विकास में सतत योगदान दे रहा है|
हाल ही के वर्षों में हाइड्रोजन संचालित वाहन पर्यावरणीय सुधार पर एक आशा की किरण लेकर आए हैं, क्योंकि इनसे होने वाला कार्बन उत्सर्जन काफी हद तक कम होता है|
आज का हमारा यह आर्टिकल ना सिर्फ भारत में हाइड्रोजन संचालित वाहनों के विकास की पड़ताल करता है, बल्कि उनके अपनाने और अपनाने के बाद पड़ने वाले प्रभाव के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी प्रकाश डालता है|
The Development Of Hydrogen Powered Vehicles In India/भारत में हाइड्रोजन संचालित वाहनों का विकास:-
इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ-साथ भारत में समय-समय पर हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों का भी तेजी से विकास हुआ है| कई वाहन निर्माता कंपनियों ने अपने हाइड्रोजन से चलने वाले वाहन(कार) बाजार में उतारे हैं| जोकि इलेक्ट्रिक वाहनों की तरह ना सिर्फ पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों की अपेक्षा कम लागत या रनिंग कॉस्ट ग्राहक को उपलब्ध कराते हैं|
The Development Of Hydrogen Powered Vehicles In India/भारत में हाइड्रोजन संचालित वाहनों का विकास, हाइड्रोजन से चलने वाले वाहन एक विशेष प्रकार की तकनीकी प्रदान करते हैं, जिसके बारे में इस आर्टिकल में विस्तार से चर्चा की गई है|
1. भारत में हाइड्रोजन संचालित वाहन के लिए तर्क:-
1.1 पर्यावरणीय प्रभाव:-
हाइड्रोजन ईंधन सेल एक उत्पादक के रूप में केवल जल वाष्प का उत्पादन करते हैं, तथा एक तथा एक जीरो टेल्पाइप उत्सर्जन के साथ एक स्वच्छ और टिकाऊ परिवहन समाधान प्रदान करते हैं, जिससे भारत के जल वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का समाधान होता है|
1.2 ऊर्जा सुरक्षा:-
भारत अपनी कच्चे तेल की आवश्यकताओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा आयात करता है, जिससे या कीमतों में उतार-चढ़ाव और जोखिम के प्रति संवेदनशील हो जाता है|
हाइड्रोजन से चलने वाले वाहन जीवाश्म ईंधन के आयात पर देश की निर्भरता को कम कर सकते हैं, और ऊर्जा में आत्मनिर्भर बना सकते हैं|
1.3 उन्नत तकनीक:-
भारत में वाहनों का विकास एक सतत क्रम में हुआ है, जिनमें पेट्रोल, डीजल, इलेक्ट्रिक तथा हाइड्रोजन का इस्तेमाल ग्राहकों तथा पर्यावरण को देखते हुए किया गया है|
हाइड्रोजन संचालित वाहनों का विकास और पर नियोजन तकनीकी एक नए विचार को बढ़ावा देते हैं, और वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की स्थिति को और मजबूत बनाते हैं|
2. सरकारी पहल और नीति समर्थन:-
2.1 राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन:-
भारत सरकार ने 2021 में राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन(NHEM) लॉन्च किया है लॉन्च किया है| जिसका उद्देश्य परिवहन सहित स्वच्छ ऊर्जा स्त्रोत के रूप में हाइड्रोजन के उत्पादन और उपयोगों में तेजी लाना है, ताकि कंपनियां इस तरह के वाहनों को बनाने में पहल करें|
2.2 अनुसंधान और विकास:-
सरकार हाइड्रोजन ईंधन तकनीकी और संबंधित प्रौद्योगिकियों से संबंधित अनुसंधान और विकास की गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता और प्रोत्साहन प्रदान करती है| इससे वाहन निर्माता कंपनियों को अपने नए प्रोडक्ट बनाने के लिए समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है|
2.3 इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट:-
हाइड्रोजन से चलने वाले वाहन के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा विकास हो, इसलिए भारत सरकार प्रयासरत रहती है, कि किस तरह से कंपनियों को अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करके दिया जा सके|
इस इंफ्रास्ट्रक्चर में रिफ्यूलिंग स्टेशन, स्टोरेज सुविधाएं और वितरण नेटवर्क शामिल है| जब इस तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर देश में पूर्ण रूप से विकसित हो जाएंगे तो हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों की संख्या में तेजी देखने को मिलेगी|
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3. उद्योग सहयोग और भागीदारी:-
3.1 सार्वजनिक-निजी भागीदारी:-
भारत सरकार नवाचार लाने, स्वदेशी तकनीकी विकसित करने और हाइड्रोजन संचालित वाहनों के व्यवसायीकरण में तेजी लाने के लिए उद्योग, अनुसंधान संस्थानों और शिक्षाविदों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करती है|
3.2 नए उद्योगों का प्रवेश:-
कई प्रमुख भारतीय वाहन निर्माताओं ने हाइड्रोजन ईंधन सेल प्रौद्योगिकी में प्रवेश करना शुरू कर दिया है| जिससे भारतीय बाजार में हाइड्रोजन संचालित वाहनों को विकसित करने और बाजार में उतारने के लिए वैश्विक कंपनियों के साथ साझेदारी की जा रही है|
3.3 अंतर्राष्ट्रीय सहयोग:-
भारत सरकार भारत में चलने वाले पेट्रोल तथा डीजल वाहनों की अपेक्षा हाइड्रोजन संचालित वाहनों के विकास के लिए वैश्विक तौर पर भी काम कर रहा है|
भारत वैश्विक विशेषज्ञता का लाभ उठाने, ज्ञान साझा करने और हाइड्रोजन संचालित वाहनों के विकास के लिए उन्नत तकनीकों तक पहुंच प्राप्त करने के लिए सक्रिय रूप से संलग्न है|
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4. हाइड्रोजन वाहनों के लिए सार्वजनिक जागरूकता:-
4.1 शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम:-
भारत सरकार तथा वाहन निर्माता कंपनियां लोगों को हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों से परिचित कराने, भ्रांतियों को दूर करने और हाइड्रोजन वाहनों से होने वाले लाभों को बताने के लिए सार्वजनिक शैक्षिक अभियान की दिशा में कदम बढ़ा रही है|
सरकार तथा वाहन निर्माता कंपनियों के प्रयास से स्वीकृति और मांग दोनों में बढ़ोतरी की संभावना देखने को मिल रही है|
4.2 प्रदर्शन परियोजनाएं:-
प्रमुख शहरों और सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों में पायलट परियोजना और प्रदर्शनों का आयोजन हाइड्रोजन संचालित वाहनों की व्यवहारिकता और लाभों को प्रदर्शित करता है|
# निष्कर्ष:-
हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों में उत्सर्जन को कम करके, ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाकर और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देकर भारत के परिवहन क्षेत्र में क्रांति लाने की अपार क्षमता सम्मिलित है| अब भारत को भी चाहिए, कि वह पारंपरिक इंधन के इस्तेमाल से थोड़ा हटकर नई तकनीकी के बारे में विचार करें|
भारत में परिवहन के लिए एक स्थाई और हरित भविष्य की दिशा में परिवर्तन को गति देने के लिए अनुसंधान विकास और जन जागरूकता में नियंत्रण प्रयास महत्वपूर्ण है|